हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 73 श्लोक 91-95

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 73 श्लोक 91-95

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सम्प्रहाराभिसंतप्तोन निपपात त्रिविष्ट पात्।
पारियात्रे गिरिश्रेष्ठेत द्वीपेऽस्मिंञ्जनमेजय।।91।।

पतन्तमपि तं शक्रो न मुमोच महाबल:।
कारुण्या‍दथ सौहार्दात पूर्वाभ्युंपगमादपि।।92।।

कृष्णोयऽप्यदन्वागमच्चैजनं पृष्ठत: प्रभवोऽव्याय:।
पारिजातवता धीमान् गरुडेन महाबल:।।93।।

स तस्थौव पर्वतश्रेष्ठे पारियात्रे तु वृत्रहा।
ऐरावते समाश्वस्ते संग्रामो ववृधे पुन:।।94।।

शरैराशीविषप्रख्यै रत्नयुक्तै: सुतेजितै:।
अन्योशन्यंव कुरुशार्दूल शक्रकेशवयोर्महान्।।95।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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