हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 73 श्लोक 6-10

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 73 श्लोक 6-10

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पृथग्‍रथेन कौरव्य प्रद्युम्न: शत्रुसूदन:।
आकाशगामिना राजन् पृष्ठत: कृष्णमन्वयात्।।6।।

निमेषान्तरमात्रेण नन्दनं काननं हरि:।
देवोद्यानं ययौ धीमान् पारिजातजिहीर्षया।।7।।

ददर्श तत्र भगवान् देवयोधान् दुरासदान्।
नानायुधधरान् वीरान् नन्दनस्थानधोक्षज:।।8।।

तेषां सम्पश्यनतामेव पारिजातं महाबल:।
उत्पाट्यारोपयामास पारिजातं सतां गति:।।9।।
गरुडं पक्षिराजानमयत्नेनैव भारत।

उपस्थितो विग्रहवान् पारिजात: स केशवम्।।10।।
सान्त्वितो वासुदेवेन पारिजातश्च भारत।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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