हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 67 श्लोक 16-20

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 67 श्लोक 16-20

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ममाभवद् यतो रक्षा भयमद्य ततो मम।
सर्वतो रक्षते यो मां स मां नाद्याभिरक्षुति।।16।।

हा गतिं कां गमिष्यांमि त्याक्ता् देव त्वायाविभो।
कुमुद्वतीगतां नूनं गतिं यास्या्म्यकसंगता।।17।।

किमकार्षमहं मोहादीश्विराणां प्रियाप्रियम।
प्रिया भूत्वाप्रिया भूता यद्यहं तव मानद।।18।।

वसन्तकुसुमैश्चित्रं तदा रैवतकं गिरिम।
प्रिया भूत्वाकप्रिया भूता कथं द्रक्ष्या म्यवहं पुन:।।19।।

परपुष्टभस्ववनोन्मिश्रं पुष्पयगन्धवहं शुचिम।
कथं नामानिलं द्वेष्या सेवेयं दुर्भगा सती।।20।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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