हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 118 श्लोक 96-98

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 118 श्लोक 96-98

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सखीभि: सहिताह्यूषा चिन्तयन्ती तु सा स्थिता।
तृतीये तु मुहूर्ते सा नष्टा बाणपुरात् तदा।।96।।

सखीप्रियं चिकीर्षन्ती पूजयन्ती तपोधनान्।
क्षणेन समनुप्राप्ता द्वारकां कृष्णापालिताम्।।97।।

कैलासशिखाराकारै: प्रासादैरुपशोभिताम्।
ददर्श द्वारकां रम्यां दिवि तारामिव स्थिताम्।।98।।

इति श्रीमहाभारते खिलभागे हरिवंशे विष्णुरपर्वणि उषाहरणे चित्रलेखाया द्वारकागमने अष्टा्दशाधिकशततमोऽध्याय:।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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