हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 105 श्लोक 6-10

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 105 श्लोक 6-10

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ततोऽपरेण भल्लेन कुपित: केशवात्मज:।।6।।
चिच्छेेदाशु शिरस्तस्य चित्रसेनस्य वीर्यवान्।

ततस्तेे हतशेषास्तु‍ समेत्य समयुद्धयत।।7।।

शरवर्षं विमुंञ्चन्तो ह्यभ्यसधावंजिघांसितुम्।
तत: संधाय बाणांस्ते् विमंञ्चन्तो रणोत्सुका:।।8।।

क्रीडन्निव महातेजा: शिरांस्येषामपातयत्।
निहत्य समरे सर्वांञ्छतमुत्तशमधन्विनाम्।।9।।
प्रद्युम्न: समराकांक्षी तस्थौ संग्राममूर्धनि।

हतं पुत्रशतं श्रुत्वा शम्बर: क्रोधमादधे।।10।।
सूतं संचोदयामास रथं मे सम्प्रयोजय।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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