हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 102 श्लोक 11-15

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 102 श्लोक 11-15

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दग्धा वाराणसी चैव केशवेन महात्मना।
सराष्ट्र: सानुबन्धाश्च काशीनामधिपो हत:।।11।।

विजित्य यमं संख्ये शरै: संनतपर्वभि:।
अथैन्द्र सेनिरानीत: कृष्णेनाद्भुतकर्मणा।।12।।

सहित: सर्वयादोभि: सागरेषु महाबल:।
प्राप्यश लोहितकूटं च कृष्णेकन वरुणो जित:।।13।।

महेन्द्र भवने जातो देवैर्गुप्तो महात्मभि:।
अचिन्तययित्वा देवेन्द्रं पारिजातद्रुमो हृत:।।14।।

पाण्ड्यं पौण्ड्रं कलिंगं च मात्यंजात चैव जनार्दन:।
जघान सहितान् सर्वान् वंगराजं तथैव च।।15।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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