लाल हो कौन त्रिया बिरमाए -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग बिलावल


लाल हो कौन त्रिया बिरमाए।
चाल तिहारी लटपटी लागति, रस बीधे भोरहिं आए।।
मोसौ दुराव करत नंदनंदन, प्रगट चिह्न मै पाए।
'सूर' स्याम बड़भागिनि सोई, जिन मिलि लाड़ लड़ाए।।2631।।

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