माई फूले फूले फूलत, श्री राधा कृष्न हैं झूलत -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग सारंग


माई फूले फूले फूलत, श्री राधा कृष्न हैं झूलत, सरस रसहि फूल डोल।
फूले फूलनि जोरत, फूले निमिष न मोरत, संतनि हित फूल डोल।।
फूल फटिक खंभ रचित, कंचन ही फूल खचित, सरस रसही फूल डोल।
पटुली नव रतन पचित, हीरा लाल मोती जटित, संतनि हित फूल डोल।।
मरुवा मयारी ढरोल, झूमका प्रवाल ओल, सरस रसही फूल डोल।
डाँड़ि हेम चारु गाल, चुनिनि फूल लगे लोल, संतनि हित फूल डोल।।
फूले वृंदावनऽनुकूल, सघन लता फूले फूल सरस रसही फूल डोल।
फूल श्री जमुन कूल, विविध रंग फूले फूल, संतनि हित फूल डोल।।
फूले चंपक चमेलि, फूलिं लबँग लता बेलि, सरस रसही फूल डोल।
फूली निवारी एलि, मोगरी सेवति सुबेलि, संतनि हित फूल डोल।।
तहाँ मौरे अंब फूले, निबुआ जहँ सदा फर फूले, सरस रसही फूल डोल।
तहाँ कमल केवरा फूले, केतकी कनेल फूले, संतनि हित फूल डोल।।
फूली मधु मालती रेलि, फूले मधुप करत केलि, सरस रसही फूल डोल।
फूले फले आनंद बेलि, फूले पिवत सरस पेलि, संतनि हित फूल डोल।।
फूलनि के सौधे बार, मानौ मधुप छवि अपार, सरस रसही फूल डोल।
फूलनि के हिय है हार, सुरसरि मनु धरे धार, संतनि हित फूल डोल।।
माथे मुकुट रचित फूल, फूलनि के सीसफूल, सरस रसही फूल डोल।
फूले धेनु ग्वाल बाल, फूले नंद जू के लाल, सरस रसही फूल डोल।।

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