तोसौं कहा धुताई करिहौं।
जहाँ करो तहँ देखी नाहीं, कह तोसौं मैं लरिहौं।
मुहँ सम्हारि तू बोलत नाहीं, कहत बराबरि बात।
पावहुगे अपनौ कियौ अबहीं, रिसनि कँपावत गात।
सुनहु स्याम, तुमहूँ सरि नाहीं, ऐसे गए बिलाइ।
हमसौं सतर होत सूरज प्रभु, कमल देहु अब जाइ।।537।।