कमल-नैन हरि करौ कलेवा -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग बिलावल



कमल-नैन हरि करौ कलेवा।
माखन रोटी, सद्य जम्यौ, दधि, भाँति-भाँति के मेवा।
खारिक, दाख, चिरौजी, किसमिस, उज्वल गरी बदाम।
सफरी, सेब, छुहारे, पिस्ता, जे तरबूजा नाम।
अरु मेवा बहु भाँति-भाँति हैं षटरस के मिष्ठान्न।
सूरदास प्रभु करत कलेवा, रीझे स्याम सुजान।।212।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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