ऐसौ पत्र पठायौ बसंत -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग बसंत


ऐसौ पत्र पठायौ बसंत। तजहु मान मानिनी तुरंत।।
कागद नव दल अबनि पात। देति कमल मसि भँवर सुगात।।
लेखिनि काम बान कै चाप। लिखि अनंग कसि दीन्ही छाप।।
मलयानिल चर पठ्यौ बिचारि। बाँचत सुक पिक सुनि सब नारि।।
'सूरदास' क्यौ होई आन। भजि हरि गोपी तजहु सयान।।2845।।

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