अवधपुर आए दशरथ राइ -सूरदास

सूरसागर

नवम स्कन्ध

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राग सारंग
अवधपुरी प्रवेश


  
अवधपुर आए दशरथ राइ ।
राम, लषन अरु भरत, सत्रुहन, सोभित चारौ भाइ।
धुरत निसान, मृदंग-संख-धुनि, भेरि-झाँझ-सहनाइ।
उमँगे लोग नगर के निरखत, अति सुख सबहिनि पाइ।
कौसिल्‍या आदिक महतारी, आरित करहिं बनाइ।
यह सुख निरखि मुदिप सुनन-नर-मुनि, सूरदास बलि जाइ॥29॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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