"करन्धम" के अवतरणों में अंतर

छो (Text replacement - "इन्होनें " to "इन्होंने ")
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''करन्धम''' [[हिन्दू]] पौराणिक ग्रन्थों और [[महाभारत]] की मान्यताओं के अनुसार एक राजा थे। इन्होनें अपने गुणों से समस्त राजाओं को अपने वश में कर लिया था। कहते हैं राजा करन्धम अभीष्ट काल तक इस संसार में जीवन धारण करके अन्त में सशरीर स्वर्गलोक को चले गये थे।
+
'''करन्धम''' [[हिन्दू]] पौराणिक ग्रन्थों और [[महाभारत]] की मान्यताओं के अनुसार एक राजा थे। इन्होंने अपने गुणों से समस्त राजाओं को अपने वश में कर लिया था। कहते हैं राजा करन्धम अभीष्ट काल तक इस संसार में जीवन धारण करके अन्त में सशरीर स्वर्गलोक को चले गये थे।
  
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{पौराणिक चरित्र}}
 
{{पौराणिक चरित्र}}
[[Category:महाभारत]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:Article Pages]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]]
+
[[Category:महाभारत]][[Category:पौराणिक चरित्र‎]][[Category:Article Pages]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

01:03, 28 अप्रॅल 2018 के समय का अवतरण

करन्धम हिन्दू पौराणिक ग्रन्थों और महाभारत की मान्यताओं के अनुसार एक राजा थे। इन्होंने अपने गुणों से समस्त राजाओं को अपने वश में कर लिया था। कहते हैं राजा करन्धम अभीष्ट काल तक इस संसार में जीवन धारण करके अन्त में सशरीर स्वर्गलोक को चले गये थे।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 30 |


संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः