हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 125 श्लोक 56-60

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 125 श्लोक 56-60

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नमस्ते भगवन् विष्णो नमस्ते भगवंञ्छिव।
नमस्ते भगवन् देव नमस्ते देवपूजित।।56।।

नमस्ते सामभिर्गीत नमस्ते यजुभि: सह।
नमस्ते सुरशत्रुघ्न नमस्ते सुरपूजित।।57।।

नमस्ते कर्मिणां कर्म नमोऽमितपराक्रम।
हृषीकेश नमस्तेऽस्तु स्वर्णकेश नमोऽस्तुु ते।।58।।

इमं स्तवं यो रुद्रस्य विष्णोसश्चै व महात्मन:
समेत्य ऋषिभि: सर्वै: स्तु‍तौ स्तौैतिमहर्षिभि:।।59।।

व्या्सेन वेदविदुषा नारदेन च धीमता ।
भारद्वाजेन गर्गेण विश्वामित्रेण वै तथा ।।60।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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