हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 61 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 61 श्लोक 1-5

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वैशम्पायन उवाच

तत: काले व्यतीते तु रुक्मी महति वीर्यवान्।
दुहितु: कारयामास स्वयंवरमरिंदम्:।।1।।

तत्राहूता हि राजानो राजपुत्राश्‍च रुक्मिणा।
समाजग्मुर्महावीर्या नानादिग्भ्य: श्रियान्विता:।।2।।

तत्राजगाम प्रद्युम्न: कुमारैरपरैर्वृत: ।
सा हि तं चकमे कन्या स च तां शुभलोचनाम्।।3।।

शुभांगी नाम वैदर्भी कान्तिद्युतिसमन्विता।
पृथिव्यामभवत् ख्याता रुक्मिणस्त्नया तदा।।4।।

उपविष्टेनषु सर्वेषु पार्थिवेषु महात्मसु।
वैदर्भी वरयामास प्रद्युम्न मरिसूदनम्।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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