हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 42 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 42 श्लोक 1-5

Prev.png

 

वैशम्‍पायन उवाच

जरासंधस्‍तत: प्राप्‍तो नृप: सर्वमहीक्षिताम्।
नराधिपैर्बलयुतैरनुयातो महाद्युति:।।1।।

व्‍यायतोदग्रतुरगैर्विस्‍पष्‍टार्थसमाहितै:।
रथै: साङ्ग्रामिकैर्युक्‍तैरसंगगतिभि: क्‍वचित्।।2।।

हैमकक्षैर्महाघण्‍टैर्वारणैर्वारिदोपमै:।
महामात्रोत्‍तमारूढै: कल्पितै रणगर्वितै:।।3।।

स्‍वारूढै: सादिभिर्युक्‍तै: प्रेंखमाणै: प्रवल्गितै:।
वाजिभिर्वायुसंकाशै: प्‍लवद्भिरिव पत्रिभि:।।4।।

खड्गचर्मबलोदग्रै: पत्तिभिर्बलिनां वरै:।
सहस्‍त्रसंख्‍यैर्निर्मुक्‍तैरुत्‍प‍तद्भिरिवोरगै:।।5।।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः