हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 79 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 79 श्लोक 1-5

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उमोवाच

विधिनैतेन कृत्सनेन स्त्री सदा भर्तृदेवता।
चरेत् संवत्सरं दान्ता षण्मासान मासमेव च।।1।।

स्त्रियो ह्यावाहयेत् साध्वीरेकादश समाधिना।
स्वयं चैव विधिर्दृष्टो व्रतकानां मया शुभ:।।2।।

अद्भिर्दद्यात् सती: सर्वा या मूलव्रतिनी भवेत्।
तासां तु निष्कयो देय: कालदेशानुरूपत:।।3।।

ततो मासान्तशुक्लस्य‍ तिथौ च नवमी तथा।
आराधयित्वा कर्तव्यं व्रतकस्यापवर्जनम्।।4।।

उपवासमहोरात्रं व्रतकं चापि निश्चितम्।
आदौ चान्ते च कुर्वीत व्रतकस्यापि सिद्धये।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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