हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 40 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 40 श्लोक 1-5

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वैशम्पायन उवाच

तत्तु धेन्वा: पय: पीत्वा बलदर्पसमन्वितौ।
ततस्तौ रामसहितौ प्रस्थितौ यदुपुंगवौ।।1।।

गोमन्तं पर्वतं द्रष्टुं मत्तपनागेन्द्रगामिनौ।
जामदग्यप्रदिष्टे्न मार्गेण वदतां वरौ।।2।।

जामदग्न्यमदगतृतीयास्ते् त्रयस्त्र य इवाग्नय:।
शोभयन्ति स्म‍ पन्थानं त्रिदिवं त्रिदशा इव।।3।।

ते चाध्वविधिना सर्वे ततो वै दिवसक्रमात्।
गोमन्तमचलं प्राप्ता मन्दरं त्रिदशा इव।।4।।

लताचारुविचित्रं च नानाद्रुमविभूषितम्।
नानागुरुपिनद्धांगं चित्रं चित्रैर्मनोहरै:।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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