हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 38 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 38 श्लोक 1-5

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वैशम्पायन उवाच
स तासु नागकन्यासु कालेन महता नृप:।
जनयामास विक्रान्तान् पंचपुत्रानकुलोद्वहान्।।1।।

मुचुकुन्दं महाबाहुं पद्मवर्णं तथैव च।
माधवं सारसं चैव हरितं चैव पार्थिवम्।।2।।

एतान् पंच सुतान् राजा पंञ्चभूतोपमान भुवि।
ईक्षमाणो नृप: प्रीतिं जगामातुलविक्रम:।।3।।

ते प्राप्तृवयस: सर्वे स्थिता: पंच यथाद्रय:।
तेजिता बलदर्पाभ्यामूचु: पितरमग्रत:।।4।।

तात युक्ता: स्म वयसा बले महति संस्थिता:।
क्षिपमाज्ञप्तुभमिच्छाम: किं कर्मस्तव शासनात्।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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