हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 71 श्लोक 11-15

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 71 श्लोक 11-15

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यत् स्या‍त् तापकरं पश्चादारब्धं कार्यमीदृशम्।
आरभेन्नै‍व तद् विद्वानेष बुद्धिमतां नय:।।11।।

विपाकमस्य् कार्यस्य् नानुपश्यामि शोभनम्।
यदत्र कारणं देव निबोध विबुधाधिप।।12।।

य एको विश्व मध्याधस्तेप प्रधानं जगतो हरि:।
प्रकृत्या यं परं सर्वे क्षेत्रज्ञं वै विदुर्बुधा:।।13।।

तस्यातव्योक्तयस्य यो व्यक्तो भाग: सर्वभवोद्भव:।
तस्यात्मा परमो देवो विष्णु: सर्वस्या धीमत:।।14।।

प्रकृत्या प्रथमो भाग उमा देवी यशस्विनी।।
व्यक्तय: सर्वमयो विश्वु: स्त्रीसंज्ञो लोकभावन:।।15।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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