हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 49 श्लोक 61-64

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 49 श्लोक 61-64

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प्रभातायां रजन्यां तु कृतपूर्वाह्णिकक्रिया:।
उपविष्टा नृपा: सर्वे स्वेषु विश्रामवेश्मसु।।61।।

ये विस्रष्टास्तु राजानो विदर्भायां नराधिपै:।
तैरागम्य स्वुभूपेषु रहो गत्वा निवेदितम्।।62।।

श्रुत्वा कृष्णाभिषेकं तु‍ केचिद् धृष्टा नराधिपा:।
केचिद् दीनतरा भीता उदासीनास्तथा परे।।63।।

त्रिधा प्रभिन्ना स सेना नरनागाश्वमालिनी।
महार्णव इव क्षुब्धा अभिषेकेण चालिता।।64।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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