हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 43 श्लोक 95-97

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 43 श्लोक 95-97

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राज्ञां पराजयं युद्धे गोमन्‍तेऽचलसत्‍तमे।
श्रवणाद् धारणाद् वापि स्‍वर्गलोकं व्रजन्ति हि।।95।।

तद्गच्‍छाम महाराज करवीरं पुरोत्‍तमम्।
त्‍वयोद्दिष्‍टेन मार्गेण चेदिराज शिवाय वै।।96।।

ते स्‍यन्‍दनगता: सर्वे पवनोत्‍पातिभिर्हयै:।
भेजिरे दीर्घमध्‍वानं मूर्तिमन्‍त इवाग्‍नय:।।97।।

ते त्रिरात्रोषिता: प्राप्‍ता: करवीरं पुरोत्‍तमम्।
शिवाय च शिवे देशे निविष्‍टास्त्रिदशोपमा:।।98।।
 
इति श्रीमहाभारते खिलभागे हरिवंशे विष्‍णुपर्वणि करवीरपुराभिगमने त्रिचत्‍वारिंशोअध्‍याय:।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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