हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 42 श्लोक 6-10

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 42 श्लोक 6-10

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एवं चतुर्विधै: सैन्यै: प्रचलद्भिरिवाम्बुदै:।
नृपोऽभियातो बलवांञ्जरासंधो धृतव्रत:।।6।।

स रथैर्नेमिघोषैश्चर गजैश्च‍ मदसंयुतै:।
हेषद्भिश्चापि तुरगै: क्ष्वेाडितोग्रैश्च पत्तिभि:।।7।।

संनादयन् दशि: सर्वा: सर्वांश्चापि गुहाशयान्।
स राजा सागराकार: ससैन्य: प्रत्यदृश्यत।।8।।

तद्बलं पृथिवीशानां हृष्टयोधजनाकुलम्।
क्ष्वेडितास्फोटितरवं मेघसैन्यमिवाबभौ।।9।।

रथै: पवनसंपातैर्गजैश्च जलदोपमै:।
तुरगैश्च: सिताभ्राभै: पत्तिभिश्चापि दंशितै:।।10।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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