हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 127 श्लोक 146-148

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 127 श्लोक 146-148

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पुरंदरे दिवं यातो पद्मनाभो महाबल:।
अपृच्छत महाभाग: सर्वान् कुशलमव्ययम्।।146।।

तत: किलकिलाशब्दं: निर्वमन्त‍: सहस्रश:।
गच्छन्ति कौमुदीं द्रष्टुं सोऽनघ: प्रीयते तदा।।147।।

द्वारकां प्राप्य कृष्णस्तु रेमे यदुगणै: सह।
विविधान् सर्वकामार्थांञ्छिया परमया युत:।।148।।
 
इति श्रीमहाभारते खिलभागे हरिवंशे विष्णुपर्वणि द्वारकाप्रत्यागमने सप्तशविंशत्यसधिकशततमोऽध्याय:।
 

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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