हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 126 श्लोक 86-90

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 126 श्लोक 86-90

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रथेनानेन दिव्येन सिंहयुक्तेन भास्वता।।86।।
बाणं संयोजयाशु त्वमलं युद्धाय वानघ।

प्रमाथगणमध्येऽहं स्थास्यामि न हि मे मन:।।87।।
योद्धुं प्रभवते ह्यद्य बाणं संरक्ष गम्यताम्।

तथेत्युक्वात्वा ततो नन्दी रथेन रथिनां वर:।।88।।
यतो बाणस्ततो गत्वां बाणमाह शनैरिदम्।

दैत्यामु रथमातिष्ठ शीघ्रमेहि महाबल।।89।।
ततो युध्यस्वश कृष्णं वै दानवान्तकरं रणे।

आरुरोह रथं बाणो महादेवस्य धीमत:।।90।।
आरूढ: स तु बाणश्चतं रथं ब्रह्मनिर्मितम्।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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