हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 125 श्लोक 46-50

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 125 श्लोक 46-50

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नमस्त्रिशूलहस्ताय चक्रहस्ताय वै नम:।
नम: कनकदण्डाय नमस्ते ब्रह्मदण्डिने।।46।।

नमश्चतुर्मनिवासाय नमस्ते पीतवाससे ।
नमोऽस्तु‍ लक्ष्मीपतये उमाया: पतये नम:।।47।।

नम: खट्वांगधाराय नमो मुसलधारिणे।
नमो भस्मांगरागाय नम: कृष्णांगधारिणे।।48।।

नम: श्मशानवासाय नम: सागर वासिने।
नमो वृषभवाहाय नमो गरुडवाहिने।।49।।

नमस्त्वनेकरूपाय बहूरूपाय वै नम:।
नम: प्रलयकर्त्रे च नमस्त्रैपलोक्यधारिणे।।50।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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