हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 121 श्लोक 71-75

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 121 श्लोक 71-75

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एवं च ब्रुवतां तेषां प्रभाता रजनी तदा।
ततस्तूबर्यनिनादैश्चत शंखानां च महास्वृनै:।
प्रबोधनं महाबाहो: कृष्ण स्याहक्रियतालये।।71।।

तत: प्रभाते विमले प्रादुर्भूते दिवाकरे।
प्रविवेश सभामेका नारद: प्रहसन्निव।।72।।

दृष्ट्वा तु यादवान् सर्वान् कृष्णेमन सह संगतान्।
तत: स जयशब्दे न माधवं प्रत्यनपूजयत्।।73।।

उग्रसेनादयस्तेव च तमृषिं प्रत्यधपूजयन्।
अथाभ्युात्थाजय विमना: कृष्ण्: समितिदुर्जय:।
मधुपर्कं च गां चैव नारदाय ददौ प्रभु:।।74।।

सोपविश्याचसने शुभ्रे सर्वास्त रणसंवृते।
सुखासीनो यथान्याययमुवाचेदं वचोअर्थवत्।।75।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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