हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 119 श्लोक 186-190

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 119 श्लोक 186-190

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कुलशौण्डीर्यवीर्यैश्च सत्त्वेन च समन्वित:।।186।।

पश्यौ राजन् महावीर्यैरन्वित: पुरुषोत्त्म:।
न नो गणयते सर्वान् वधं प्राप्तोऽप्ययं बली।।187।।

यदि मायाप्रभावेण नात्र बद्धो भवेदयम्।
सर्वान् सुरगणान् संख्ये योधयेन्नात्र संशय:।।188।।

सर्वसंग्राममार्गज्ञो भवेद् वीर्याधिकस्तव।
शोणितौघप्लुमतैर्गात्रैर्नागभोगैश्च वेष्टित:।।189।।
त्रिशिखं भ्रुकुटिं कृत्वा न चिन्तयति न: स्थितवान्।

इमामवस्थां नीतोऽपि स्वबाहुबलमाश्रित:।।190।।
न चिन्तयति राजंस्त्वांन वीर्यवान् कोऽप्यसौ युवा।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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