हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 103 श्लोक 16-20

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 103 श्लोक 16-20

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बृहत्यां तु गदं प्राहु: शैव्यायामंगदं सुतम्।।16।।
उत्पन्नं कुमुदं चैव श्वेतं श्वेता तथांगना।
अगावह: सुमित्रश्च शुचिश्चित्ररथस्तथा।।17।।

चित्रसेन: सुदेवायाश्चित्रा चित्रवती तथा।
वनस्तम्बसश्च जज्ञाते सुत: स्तम्बवनश्चय ह।।18।।

निवासनोऽवनस्तऽम्बय: कन्या स्ततम्बतवती तथा।
उपसन्नश्च‍ शंकुश्च् वज्रांशु: क्षिप्र एव च।।19।।

कौशिक्यां सुतसोमायां यौधिष्ठिर्यां युधिष्ठिर:।
कपाली गरुडश्चै्व जज्ञाते चित्रयोधिनौ।।20।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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