हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 101 श्लोक 46-50

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 101 श्लोक 46-50

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जन्मप्रभृति चाप्येतौ गार्ग्येण परमर्षिणा।
याथातथ्येन विज्ञाप्य संस्कारं प्रतिपादितौ।।46।।

यदा त्विमौ नरश्रेष्ठौ स्थितौ यौवनसम्मुखे।
सिंहशावाविवोदीर्णौ मत्तौ‍ हैमवतौ यथा।।47।।

ततो मनांसि गोपीनां हरमाणौ महाबलौ।
आस्तां गोष्ठवरौ वीरौ देवपुत्रोपमद्युती।।48।।

एतौ जये वा युद्धे वा क्रीडास विविधासु च।
नन्दगोपस्य गोपाला न शेकु: प्रसमीक्षितुम् ।।49।।

व्यूजढोरस्कौ महाबाहू शालस्कन्धाविवोद्गतौ।
श्रुत्वा‍सौ व्य‍थित: कंसो मन्त्रभि: सहितोऽभवत्।।50।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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