हरिवंश पुराण: विष्णु पर्व: पञ्चपञ्चाशत्तम अध्याय: श्लोक 121-127 का हिन्दी अनुवाद
यदुश्रेष्ठ! यादवप्रवर! तुम विजय के लिए जहाँ-जहाँ जाओ, वहाँ हम सबको साथ लिये चलो।' राजा उग्रसेन की बात सुनकर देवकीनन्दन भगवान श्रीकृष्ण मुस्कराकर बोले- ‘राजन! अब आपकी जैसी इच्छा होगी, वैसा ही करूँगा, इसमें संशय नहीं है।'
इस प्रकार श्रीमहाभारत खिलभाग हरिवंश के अन्तर्गत विष्णु पर्व में श्रीकृष्ण मथुरा-गमन महोत्सव तथा उनके द्वारका जाने का संकेत नामक पचपनवाँ अध्याय पूरा हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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