हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 93 श्लोक 6-10

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 93 श्लोक 6-10

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रामायणं महाकाव्यमुद्दिश्या नाटकं कृतम्।
जन्म विष्णो‍रमेयस्या राक्षसेन्द्रावधेप्सया।।6।।

लोमपादो दशरथ ऋष्यश्रृंगं महामुनिम्।
शान्ताोमप्याोनयामास गणिकाभि: सहानघ ।।7।।

रामलक्ष्मणशत्रुघ्ना भरतश्चैनव भारत ।
ऋष्यश्रृगश्चर शान्ता च तथारूपैर्नटै: कृता:।।8।।

तत्का्लजीविनो वृद्धा दानवा विस्मयं गता:।
आचचक्षुश्च तेषां वै रूपतुल्यवत्वमच्युत्।।9।।

संस्काराभिनयौ तेषां प्रस्तावानां च धारणम्।
दृष्ट्वा सर्वे प्रवेशं च दानवा विस्मयं गता:।।10।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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