हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 77 श्लोक 26-28

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 77 श्लोक 26-28

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ममैव चोमया दत्तत: स तदा रत्नरपर्वत:।
प्रतिगृह्य मया चैव कृतो ब्राह्मणसाच्छुतभे।।26।।

उमा त्वहरुन्धतीं साध्वीमामन्त्र्य यदभाषत।
श्रृणु कल्या‍णि वक्ष्यामि सर्वाभि: सहिता शुभे।।27।।

पुण्युकानां विधिं कृत्नं यथावदनुपूर्वश:।
यथा चैव मया दृष्टंस्तत एष विधि: शुभे।।28।।
 
इति श्री महाभारते खिलभागे हरिवंशे विष्णुरपर्वणि पुण्यकविधिकथने सप्तासप्तंतितमोऽध्याय:।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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