हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 61 श्लोक 6-10

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 61 श्लोक 6-10

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स हि सर्वास्त्रकुशल: सिंहसंहननो युवा।
रूपणाप्रतिमो लोके केशवस्यातत्मरजोऽभवत्।।6।।

वयोरूपगुणोपेता राजपुत्री च साभवत्।
नारायणीवेन्द्र सेना जातकमा च तं प्रति।।7।।

वृत्ते स्वपयंवरे जग्मू् राजाज्ञ: स्वपुराणि ते।
उपादाय च वैदर्भीं प्रद्युम्नो द्वारकां ययौ।।8।।

रेमे सह तया वीरो दमयन्याम्न नलो यथा।
स तस्यां जनयामास देवगर्भोपमं सुतम्।।9।।

अनिरुद्धमिति ख्यानतं कर्मणाप्रतिं भुवि ।
धनुर्वेदे च वेदे च नीतिशास्त्रे च पारगम्।।10।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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