हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 30 श्लोक 90-93

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 30 श्लोक 90-93

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मातुश्‍च शिरसा पादौ निपीड्य यदुनन्‍दन:।
सासिंञ्चत् प्रस्रवोत्‍पीडै: कृष्‍णमानन्‍दनि:सृतै:।।90।।
 
यादवांश्‍चैव तान् सर्वान् यथास्‍थानं यथावय:।
पप्रच्‍छ कुशलं कृष्‍णो दीप्‍यमान: स्‍वतेजसा।।91।।

बलदेवोऽपि धर्मात्‍मा कंसभ्रातरमूर्जितम्।
बाहुभ्‍यामेव तरसा सुनामानमपोथयत्।।92।।

तौ जितारी जितक्रोधौ चिरविप्रोषितौ व्रजे।
स्‍वपितुर्भवनं वीरौ जग्‍मतुर्हृष्‍टमानसौ।।93।।
 
इति श्रीमहाभारते खिलभागे हरिवंशे विष्‍णुपर्वणि कंसवधे त्रिंशोअध्‍याय:।
 

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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