हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 119 श्लोक 6-10

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 119 श्लोक 6-10

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भगवंछ्रुयतां वाक्यंन दौत्येंनाहमिहागता।
अनिरुद्धं मुने नेतुं यदर्थं च श्रृणुष्व मे।।6।।

नगरे शोणितपुरे बाणो नाम महासुर:।
तस्य कन्या वरारोहा नाम्नोेषेति च विश्रुता।।7।।

भगवन्‍ सानुरक्ताा च प्राद्युम्निं पुरुषोत्त्मम्।
देव्याो वरविसर्गेण तसया भर्ता विनिर्मित:।।8।।

तं च नेतुं समायाता तत्र सिद्धिं विधत्व् मे।
मया नीतेअनिरुद्धे तु नगरं शोणिताह्वयम्।।9।।
प्रवृत्ति: पुण्ड रीकाक्षे त्व्याआख्ये।या महामुने।

अवश्यं भविता चैव कृष्णेान सह विग्रह:।
बाणस्य् सुमहान्‍ संख्येन दिव्योय हि स महासुर:।।10।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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