षट्सप्तत्यधिकशततम (176) अध्याय: उद्योग पर्व (अम्बोपाख्यान पर्व)
महाभारत: उद्योग पर्व: षट्सप्तत्यधिकशततम अध्याय: श्लोक 22-41 का हिन्दी अनुवाद
‘महाबाहु अकृतव्रण! इस समय वेदवेत्ताओं में श्रेष्ठ और प्रतापी जमदग्निनन्दन परशुरामजी का दर्शन कहाँ हो सकता है?’ (40)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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