शबरी का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। उनको श्रीराम के प्रमुख भक्तों में गिना जाता है।
- अपनी वृद्धावस्था में शबरी हमेशा श्रीराम के आने की प्रतीक्षा करती थी।
- राम उसकी कुटिया में आयेंगे, इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह अपनी कुटिया को सदैव साफ-सुथरा रखा करती थी।
- 'प्रभु आयेंगे', ये वाणी सदा ही शबरी के कानों में गूँजा करती थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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