त्रिस्थान हिन्दू पौराणिक मान्यताओं और महाभारत के उल्लेखानुसार एक तीर्थ है, जहाँ गंगा उत्तर-वाहिनी है।
- महाभारत अनुशासन पर्व के अनुसार जो मनुष्य एक मास तक निराहर रहकर यहाँ स्नान करता है, उसे देवताओं का प्रत्यक्ष दर्शन होता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 53 |
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