कण्टकावन

कण्टकावन हिन्दू मान्यताओं तथा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भूमि के नीचे जो पाँच भयानक नरक हैं, उनमें से तीसरा है।[1] यह दुःख और लंबाई-चैड़ाई में रौरवमहारौरव, इन दोनों नरकों से दुगुना बड़ा है। उसमें घोर महापातकयुक्त प्राणी प्रवेश करते हैं।

  • पृथ्वी के नीचे जो पाँच भयानक नरक माने जाते हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं-
  1. रौरव
  2. महारौरव
  3. कण्टकावन
  4. अग्निकुण्ड
  5. पंचकष्ट

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 145 भाग-32

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