रूपवाहित अथवा 'रूपव हिक' नामक एक प्राचीन जनपद का उल्लेख महाभारत में हुआ है।[1] चि. वि. वैद्य के मत में यह वर्तमान महाराष्ट्र का एक भाग था-
'कुंतयोऽवंत्यश्चैव तथैवा परकुंतयः, गोमंता मंडका: संडा विदर्भा रूपवाहिकाः।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 799 |
- ↑ महाभारत, भीष्मपर्व 9,43