व्यासवन हिन्दू मान्यताओं तथा महाभारत वनपर्व के उल्लेखानुसार कुरुक्षेत्र की सीमा में स्थित एक प्राचीन वन का नाम था, जहाँ मनोजतीर्थ में स्नान कर मनुष्य हज़ार गोदान का फल प्राप्त करता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 482 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 83.93