स्यमंतपंचक का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। श्रीमद्भागवत के अनुसार यह एक प्राचीन तीर्थ का नाम है, जहाँ श्री परशुरामजी ने खून से तर्पण किया था।[1]
- यही 'स्यमंतपंचक' आगे चलकर कुरुक्षेत्र के नाम से विख्यात हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 543 |
- ↑ श्रीमद्भागवत 10.82.2-10