रामतीर्थ | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- रामतीर्थ (बहुविकल्पी) |
रामतीर्थ महाभारत कालीन एक प्राचीन तीर्थ स्थान था-
'शुभ्रंतीर्थवरं तस्माद् रामतीर्थ जगामह।'[1]
- महाभारत काल में यह सरस्वती नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ था, जिसकी यात्रा श्रीकृष्ण के भाई बलराम ने सरस्वती के अन्य तीर्थों की यात्रा के साथ की थी।
- महाभारत की कथा के अनुसार यह तीर्थ परशुराम के नाम पर प्रसिद्ध था।[2] परशुराम ने यहाँ सौ वाजपेय और सौ अश्वमेध यज्ञ किये थे।[3]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत, शल्यपर्व 49, 7
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 790 |
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारतकोश डिस्कवरी पुस्तकालय |संपादन: संजीव प्रसाद 'परमहंस' |पृष्ठ संख्या: 91 |