प्राग्ज्योतिषपुर अथवा प्राग्ज्योतिष असम या कामरूप की प्राचीन राजधानी थी, जो गुवाहाटी के निकट बसा था। 'कालिकापुराण' के अनुसार ब्रह्मा ने प्राचीन काल में यहाँ स्थित होकर नक्षत्रों की सृष्टि की थी। इसलिए यह नगरी प्राक् (पूर्व या प्राचीन) + ज्योतिष (नक्षत्र) कहलायी। महाभारत में यहाँ के राजा नरकासुर का श्रीकृष्ण द्वारा वध किये जाने का उल्लेख मिलता है।
- कामरूप नरेश भगदत्त ने कौरवों की ओर से युद्ध में भाग लिया था। महाभारत में भगदत्त को प्राग्ज्योतिष नरेश भी कहा गया है।
- कालिदास ने रघुवंश में रघु द्वारा प्राग्ज्योतिष नरेश की पराजय का काव्यमय वर्णन किया है।
- कालिदास के वर्णनानुसार प्राग्ज्योतिष 'लौहित्य' (ब्रह्मपुत्र) के पार पूर्वी तट पर स्थित था।