निषादभूमि का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है।[1]
- निषादभूमि के विषय में कई महत्त्वपूर्ण तथ्य महाभारत में आये हैं।
- निषाद नामक विदेशी या अनार्य जाति के लोग इस स्थान पर बस जाने के कारण ही इस भू-भाग को 'निषादभूमि' या 'निषाद' कहा जाता था।
- एकलव्य एक निषाद बालक था, जो कि अद्भुत धर्नुधर बन गया था। वह द्रोणाचार्य को अपना इष्ट गुरु मानता था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 66 |
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