शकुन नामक प्राचीन स्थान का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत मिलता है। महाभारत द्रोण पर्व के अनुसार यहाँ के वीर योद्धा द्रोणाचार्य के द्वारा बनाये गये गरुड़ व्यूह के पार्श्व भाग में उपस्थित थे।
- द्रोणाचार्य द्वारा निर्मित गरुड़व्यूह में भूरिश्रवा, शल्य, सोमदत्त तथा बाह्लिक ये वीरगण अक्षौहिणी सेना के साथ व्यूह के दाहिने पार्श्व में स्थित थे। अवंती के विन्द और अनुविन्द तथा काम्बोजराज सुदक्षिण ये बायें पार्श्व का आश्रय लेकर द्रोणपुत्र अश्वत्थामा के आगे खड़े हुए तथा पृष्ठभाग में कलिंग, अम्बष्ठ, मगध, पौण्ड्र, मद्रक, गन्धार, शकुन, पूर्वदेश, पर्वतीय प्रदेश और वसाति आदि देशों के वीर थे।[1]