अमर पर्वत

अमर पर्वत का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। 'महाभारत सभापर्व' में इस पर्वत का उल्लेख निम्न प्रकार है-

'कृत्स्नं पंचनदं चैव तथैवामरपर्वतम्, उत्त्रज्योतिषं चैव तथा दिव्यकंट पुरम्-द्वारपालं च तरसा वशेचक्रे महाद्युति:'[1]


  • उपरोक्त प्रसंग में नकुल ने अपनी पश्चिम दिशा की विजय-यात्रा के प्रसंग में अमर पर्वत को विजित किया था।
  • प्रसंग से यह पंजाब का कोई पर्वत जान पड़ता है। संभव है अमरनाथ को ही इस उद्धरण में अमरपर्वत कहा गया हो।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत सभापर्व 32, 11-12

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