भय (महाभारत संदर्भ)

  • स्नेहजानि भयानि।[1]

भय आसक्ति से उत्पन्न होता है।

  • भयमर्थवतां नित्यं मृत्यो प्राणभृतामिव।[2]

धनवालों को सदा वैसे ही भय रहता है जैसे कि प्राणियों की मृत्यु से।

  • वैक्लव्यमापन्ने संशयो विजये भवेत्।[3]

भयभीत हो जाने पर विजय मिलने में संशय हो जाता है।

  • नैतिच्चित्रं महाराज यद्भी: प्राणिनमाविशेत्।[4]

महाराज! किसी भी प्राणी को भय लगे यह कोई आश्चर्य नहीं है।

  • राजदण्डभयादेके पापा: पापं न कुर्वंते।[5]

कुछ पापी राजा के दण्ड के भय से ही पाप नहीं करते।

  • परस्परभयादेके पापा: पापं न कुर्वंते।[6]

कुछ पापी आपस के भय से ही पाप नहीं करते।

  • दण्डस्यैव भयादेके न खादंति परस्परम्।[7]

दण्ड के भय से कुछ लोग एक - दूसरे को नहीं खा जाते हैं।

  • नाभीतो यजते राजन् नाभीतो दातुमिच्छति।[8]

भय के बिना ऋजु न यज्ञ करना चाहता है, और न दान देना।

  • न भीतो लभते सुखम्।[9]

भयभीत मनुष्य को सुख नहीं मिलता।

  • नि:शेषकारिणां तात नि:शेषकारणाद् भयम्।[10]

औरों का समूल नाश करने पर स्वयं के समूल नाश का भय रहता है।

  • आभ्यंतरं भयं रक्ष्यमसारं बाह्मतो भयम्।[11]

अंदर के भय से रक्षा करनी चाहिये, बाहर का भय नि:सार (अल्प) है।

  • यन्नास्ति न ततो भयम्।[12]

जो है ही नहीं उससे भय नहीं होता।

  • निरमित्रस्य किं भयम्।[13]

जिसका कोई शत्रु नहीं उसे क्या भय है?

  • मोहाद् विमुक्तस्य भयं नास्ति कुतश्चन।[14]

जो मोह से दूर है उसे कहीं से कोई भय नहीं है।

  • भूतानि यस्मान्न त्रसंते कदाचित् स भूतानां न त्रसते।[15]

जिससे कोई प्राणी कभी नहीं डरता, वह भी किसी से कभी नहीं डरता

  • महादेवप्रपन्नानां न भयं विद्यते क्वचित्।[16]

महादेव की शरण में आने वालों को कहीं कोई भय नहीं लगता।

  • महाभयेषु च नर: कीर्तयन् मुच्यते भयात्।[17]

महान् भय में कीर्तन करने वाला उस भय से मुक्त हो जाता है।

  • मुच्यते भयकालेषु माक्षयेद् यो भये परान्।[18]

दूसरों को भयमुक्त करने वाले पर भय आये तो वह उससे छूट जाता है

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वनपर्व महाभारत 2.28
  2. वनपर्व महाभारत 2.39
  3. द्रोणपर्व महाभारत 183.26
  4. शल्यपर्व महाभारत 31.38
  5. शांतिपर्व महाभारत 15.5
  6. शांतिपर्व महाभारत 15.6
  7. शांतिपर्व महाभारत 15.7
  8. शांतिपर्व महाभारत 15.13
  9. शांतिपर्व महाभारत 72.24
  10. शांतिपर्व महाभारत 106.19
  11. शांतिपर्व महाभारत 107.28
  12. शांतिपर्व महाभारत 180.29
  13. शांतिपर्व महाभारत 245.16
  14. शांतिपर्व महाभारत 245.17
  15. शांतिपर्व महाभारत 251.34
  16. अनुशासनपर्व महाभारत 18.69
  17. अनुशासनपर्व महाभारत 78.25
  18. अनुशासनपर्व महाभारत 116.15

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः