- काव्यस्य लेखनार्थाथ गणेश: स्मर्थताम्।[1]
काव्य के लेखन के लिये गणेश का स्मरण किया जाये।
- गणेशानो भक्तचिंतितपूरक:। [2]
गणेश भक्तों का सोच हुआ पूरा करते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आदिपर्व महाभारत 1.74
- ↑ आदिपर्व महाभारत 1.75
काव्य के लेखन के लिये गणेश का स्मरण किया जाये।
गणेश भक्तों का सोच हुआ पूरा करते हैं।